Wednesday, November 13, 2019

मोबाइल !



फोटो खींचने-भेजने, संगीत सुनने, वीडियो देखने, गेम खेलने, चैटिंग आदि में काम आने वाला, जेब में रखने लायक छोटे आकार का उपकरण।
इस उपकरण से कभी-कभी दूर बैठे उस व्यक्ति से बात भी की जा सकती है, जिसके पास इसी तरह का एक और उपकरण हो। विज्ञापनों के अनुसार इन दिनों खास सेल्फी लेने वाला स्पेशलिस्ट मोबाईल भी बाजार में आया है जिसमें बात करने की अतिरिक्त सुविधा मोबाईल कंपनी ने उपलब्ध कराई है। सेल्फी लेना आजकल मोबाईल का प्रमुखतम कार्य हो गया है।
इस उपकरण से बात करते समय व्यक्ति अचानक गतिमान अवस्था में आ जाता है इसलिये इसे मोबाईल कहा जाता है। समूह में खड़े या मंडली में बैठे व्यक्ति के मोबाईल की घंटी बजते ही तुरंत वह सब से दूर हट कर वार्तालाप शुरू कर देता है, यही मोबाईल की विशेषता है। लैंडलाइन फोन चूँकि भारी होते हैं और किसी वायर से जुड़े होने के कारण उठाकर घर के बाहर तक चलते हुए बात करने की यह सुविधा उनमें नहीं दी जा सकती, न उन्हें जेब में रखा जा सकता और इतनी देर तक उठाकर पकड़े रहने से हाथों में दर्द होने की भी भारी संभावना बनी हुई होती है। इसलिए छोटे और हलके-फुल्के मोबाईल का अविष्कार किया गया।
मोबाईल एक तरह से झूठ बोलना सिखाने वाला महायंत्र भी है, आप किसी विशिष्ट जगह पर होते हुए वहां स्वयं के न होने की बात बेधड़क कर सकते हैं। झूठ बोलने की अनेक कलाएं मोबाईल आने के साथ विकसित हुई हैं। जिससे आपने उधारी कर रखी है, उस का फोन उठाने और तगादे से भी मोबाईल आपको बचा लेता है।
शुरु-शुरु में मोबाईल से केवल बात की जा सकती थी, बाद में इसमें कई अवगुण जुड़ते गये जिससे इसका यह प्रमुख गुण गौण हो गया। पहले के मोबाईल वजन में काफी भारी हुआ करते थे, जिससे कई दुकानदार इनको आधा किलो के बाट के रूप में वजन तौलने के लिये उपयोग में ले लिया करते थे। अब के मोबाईल काफी स्लिम और वजन में हलके हो जाने से इनका तराजू अर्थात बैलेन्स पर रखने का उपयोग समाप्त हो गया है, फिर भी समय-समय पर इनमें बैलेन्स डलवाना होता है। प्रेमिकायें आशिक किस्म के लड़कों को अपने मोबाईल में बैलेन्स डलवाने के काम पर रखती हैं, लेकिन उनका वित्तीय बैलेन्स बिगाड़ देती हैं।
मोबाईल में सस्ते इन्टरनेट के प्रवेश के कारण यह उपकरण सोशल मिडिया पर बने रहने का महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है, साथ ही वित्तीय लेन देन, फिल्म-सफ़र के टिकट बुकिंग, टिक-टोक या रस्ते चलते घटनाओं के वीडियो बनाना आदि अनेक कार्य मोबाइल निभाते हुए जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. 
विद्वान ज्योतिषि कहते हैं, फेस रीडिंग की तरह मोबाईल रिंगटोन से भी जातक के चरित्र का अनुमान लगाया जा सकता है।
- व्याख्यानंद !