Tuesday, June 25, 2019

सलाहकार


सलाहकार अर्थात समस्या की हवा लगते ही उस समस्या का हल सुझाते हुए नई समस्या खड़ी करने वाला मददगार!
दुनिया में अगर सबसे बड़ा व्यवसाय कोई है तो सलाहकार का । ये अलग बात है कि कोई इसके पैसे वसूलता है तो कोई बिना पैसे लिये ही सलाह देता फिरता है। किसी को कोई काम आता हो न आता हो, सलाह देना जरूर आता है, चाहे कोई सुनने वाला मौजूद हो या गैरमौजूद, अथवा मौजूद होते हुए अनसुनी भी कर रहा हो।
टीवी पर क्रिकेट मैच चल रहा है, आपके साथ कई लोग बैठे उसे देख रहे हो तो उसमें से अधिकांश सलाहकार की भूमिका में प्रवेश कर जाते हैं। जैसे...ये बॉल गेंदबाज ने बिलकुल गलत फेंकी, यदि वह इसे आगे टिप्पा देकर खिलाता तो बल्लेबाज का आऊट होना तय था...या इस बैट्समैन को चौथे नंबर पर बैंटिंग के लिये भेजते तो ये सामने वाली टीम की धज्जियाँ उड़ा देता...आदि आदि। ये तो हुए बिना पैसे वाले सलाहकार, उधर टीवी के अंदरवाले कमेंटेटर भी कहाँ कम होते हैं, पैसे कमेंटरी के मिलते है लेकिन ये भी सलाहकार की भूमिका पकड़ लेते हैं और टीम के बिन मांगे सलाहकार बन जाते हैं। इस प्रकार आप पायेंगे कि दुनिया में प्रत्यक्ष रूप से काम करने वालों की अपेक्षा सलाह देने वालों की तादाद ही अधिक होती है।
सलाह देने के लिये किसी खास विषय में आपके पारंगत होने का कोई संबंध नहीं है। कोई भी, किसी भी विषय पर किसी को भी, कभी भी, कहीं पर भी, पूछे या बिना पूछे सलाह दे सकता है। बस एक बार अपनी समस्या का हलका सा जिक्र तो किसी से कीजिये, आपको ढेर सारी सलाहें थोक के भाव में मिल जायेंगी। उदाहरण के लिये कभी अपने पेटदर्द के बारे में जिक्र कर दें, आपको इसके कारण से लेकर उपचार और परिणाम तक की सलाहें मिल जायेंगी, जिनको संग्रहित कर आप एक थीसीस तक लिख सकते हैं। कोई कहेगा, ‘रात में खाने में गड़बड़ आ गया होगा।’ कोई पेट साफ न होने का निदान कर देगा। कोई इलाज के तौर पर ऐलोपेथी, आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक से घरेलू इलाजों की झड़ी लगा देगा। कोई इसके एक्सरे, सोनोग्राफी आदि जाँच की सलाह देते हुए इसे गंभीरता से न लेने पर अपेंडिक्स, अल्सर, कैंसर जैसी बिमारियों से आपकी मीटिंग फिक्स करा देगा । इन सारी सलाहों को सुनते-सुनते एक बात तो तय है कि आप अपना पेटदर्द भूलकर सिरदर्द की शिकायत किसी से कर बैठेंगे और फिर दुबारा नई सलाहों का दौर शुरू हो जाएगा।
आजकल लगभग हर मासिक पत्रिका में या दैनिक अखबार के रविवारीय पृष्ठ पर ये सलाहकार सौंदर्य समस्या, व्यक्तिगत, स्वास्थ्य समस्या अथवा ज्योतिषीय सलाह देते हुए मिल ही जायेंगे। ‘मेरी प्रेमिका भाग गई, मैं क्या करूँ?’ एक दुःख भरा सवाल कोई पीड़ित प्रेमी दाग देता है; उस पर तुरंत सलाह देने वाली ये आंटी धीरज बंधाती हुई कहती है, ‘जीवन में ऐसे आशा-निराशा के प्रसंग आते ही रहते हैं, हमें उनका धीरज के सामना करना चाहिये। इस तरह समस्या के आगे घुटने टेक देने से कैसे काम चलेगा ? भागी हुई प्रेमिका का विचार छोड़ आपको देश के सामने खड़ी समस्याओं के बारे में सोचना चाहिये। देश की सबसे बड़ी समस्या महँगाई है, उसे ही अपनी प्रेमिका मान लीजिये । फिर देखिये, कैसे वह आपका साथ न छोड़ते हुए हमेशा आपके साथ बनी रहेगी ।
सौंदर्य विषयक सलाह देने वाली विशेषज्ञाओं की भी आजकल बहुतायत हो गई है। इनसे सिर के सफेद बालों से लेकर चेहरे पर हो रही फुंसियों-झुर्रियों और एड़ियों की दरारों तक समेत हर समस्या पर सलाह पाई जा सकती हैं ।
सलाह देने वाली ये कौम आजकल टीवी चैनलों पर भी कब्जा जमायें बैठी है। प्रायोजित कार्यक्रमों के जरिये लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं पर मुफ्त सलाह देने की आड़ में अपनी दवाईयाँ बेचना, सांसारिक समस्याओं को सुलझाने के लिये ताबीज, यंत्र बेचना, भविष्य को सुगम बनाने के उपाय जानने के लिये जन्म कुंडलियाँ बनवाना ये सब सलाह की आड़ में दुकानदारी ही तो है।
सोशल मीडिया भी सलाहकारी का अपना रोल दमखम से निभा रही है। वाट़सएप या फेसबुक पर आध्यात्मिक और स्वास्थ्य संबंधित सलाहों की बाढ़ आई हुई है। सुबह-सुबह वाट्सएप खोलो तो मित्रों के रातभर के संचित संदेश आपकी गुड मार्निंग को बैड मार्निंग बनाने के लिये मजबूर कर देते हैं। यहाँ भी भिन्न भिन्न बीमारियों के इलाज की सलाहें, परिवार के सदस्यों से व्यवहार की सलाहें, धन के विनियोग की सलाहें बिन मांगे आपके द्वार खड़ी होती हैं।
सलाह लेने या देने का क्षेत्र काफी विस्तृत है। कोई बच्चों के स्कूल में एडमिशन के लिए सलाह माँगता है, तो कोई कपड़ों की खरीददारी की अच्छी जगह के लिए। कोई खाने की बढ़िया होटल के लिए सलाह माँगता है तो कोई मोबाईल के अच्छे मॉडल के लिए। इस प्रकार सलाह लेने देने के विषय की कोई सीमा नहीं है। इस प्रकार मांगी हुई सलाह देने में किसी के पसीने छूट जाते हैं तो कोई बहुत उत्साह में आकर सलाहकार बन जाता है।
कभी फीस चुकाकर भी आपको सलाह लेने की जरुरत पड़ जाती है । इनमें कर सलाहकार, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, वास्तु, निवेश सलाहकार आदि का समावेश है। यह सारी सलाहें काम न आने पर या संतुष्टि न पाने पर कुछ लोग पैसा खर्च कर ज्योतिष की सलाह लेने पहुँच जाते हैं।
इन सबके बीच मेरी भी आपको एक मुफ्त सलाह है, कि किसी की सलाह मत मानिये, जो मन को उचित लगे वही कीजिये। अब मेरी उपरोक्त सलाह को आप भले नकार दें, फिर भी सलाह तो आप मेरी ही मान रहे हैं।
सलाहानन्द !
(विवेक भावसार)

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