कुछ मुहावरों-कहावतों का हम गहराई से अध्ययन करते हैं तो पाते हैं कि उस कहावत के पीछे अनेक अर्थ छुपे होते हैं। इन्ही छुपे हुए अर्थों को इन कहावतों का पोस्टमार्टम कर आपके सामने लाने की कोशिश की गई है। इसी क्रम में उपरोक्त कहावत -"भैंस के आगे बीन बजाना" का विश्लेषण किया जाए तो निम्न बिंदू सामने आते हैं-
★ भैंस संगीत प्रेमी होती है।
★ संगीत में भी भैंस को केवल बीन वादन पसंद है।
★बीन 'बजाना' आवश्यक है, सिर्फ दिखाने से नहीं चलता।
★भैंस के आगे सिर्फ बीन बजाई जाती है।
★बीन केवल आगे ही बजाई जा सकती है, पीछे की ओर नहीं।
★ पीछे की ओर बीन के अलावा कुछ भी बजाया जा सकता है, ढोल नगाड़ा बांसुरी आदि।
★अन्य जानवरों के आगे दूसरे वाद्य बजाये जाते हैं।
-कहावतानंद !
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